कृषि रसायन विज्ञान कक्षा 12 पाठ 1 - Class 12 Agricultuter Chemistry Chapter 1- Agriculture Class 12 Lesson 1

द्रव्य और उसका वर्गीकरण
 (MATTER AND ITS CLASSIFICATION)

                                  { CHAPTER--1  }


                             अभ्यास (EXERCISES)


>> बहुविकल्पीय प्रश्न

1. संहति और ऊर्जा में सम्बन्ध है—     (उ० प्र० कृषि 2012, 2009)

(a) E2 = mc
(b) E=mc2
(c) E =2mc
(d) E=m2c


उत्तर— (b)  E=mc2


2. निम्नलिखित में से कौन मिश्रण है?        (उ० प्र० कृषि 2003)

(a) नीला थोथा 
(b) कार्बन डाइऑक्साइड 
(c) नौसादर
(d) समुद्री जल


उत्तर—  (d)  समुद्री जल


3. निम्नलिखित में से कौन मिश्रण है?      (उ० प्र० कृषि 2005)

(a) साधारण फिटकरी
(b) अमोनियम क्लोराइड 
(c) शहद
(d) धावन सोडा 


उत्तर—  (c)  शहद


4. उर्ध्वपातन का उदाहरण है-              (उ० प्र० कृषि 2008)

 (a) बल्ब का जलना
 (b) लोहे का चुम्बक बनना
 (c) दूध से दही बनना
(d) नौसादर को गर्म करना


उत्तर— (d) नौसादर को गर्म करना


5. उर्ध्वपातन का उदाहरण है-              (उ० प्र० कृषि 2010)

(a) कपूर का उड़ना
(b) जल का वाष्पित होना
(c) लोहे से चुम्बक का बनना
(d) दूध से दही बनना


उत्तर— (a) कपूर का उड़ना


6. निम्नलिखित में कौन सा मिश्रण है?       (उ० प्र० कृषि 2011)

 (a) नीला थोथा
(b) यूरिया
(c) वायु
(d) कार्बन डाइऑक्साइड

उत्तर— (c) वायु


7. निम्नलिखित में कौन-सा मिश्रण है?      (उ० प्र० कृषि 2015)

(a) यूरिया
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) पेप्सी
(d) नीला थोथा

उत्तर— (c) पेप्सी


>> निश्चित उत्तरीय प्रश्न

8. निम्न में से कौन तत्व, यौगिक और मिश्रण है?         (उ० प्र० कृषि 2002)
वायु, साधारण नमक तथा कार्बन



उत्तर-तत्व : कार्बन, यौगिक : साधारण नमक, मिश्रण : वायु।




9. पारा, जल तथा बारूद में से कौन-से से तत्व यौगिक तथा मिश्रण हैं?    (उ० प्र० कृषि 2001)



उत्तर-तत्व : पारा, यौगिक : जल, मिश्रण : बारूद। 


>> अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

10. उर्ध्वपतित होने वाले किन्हीं तीन पदार्थों के नाम लिखिए ।


उत्तर-नौसादर, कपूर तथा आयोडीन । (उ० प्र० कृषि 2000)


11. आपको काँच चूर्ण, नौसादर और नीले थोथे का मिश्रण दिया गया है। मिश्रण के अवयवों को किस प्रकार प्रथक् करेंगे?

 उत्तर—पहले नौसादर को ऊर्ध्वपातन द्वारा, फिर नीले थोथे को जल में घोलकर काँच चूर्ण से पृथक् करेंगे ।


विस्तृत-----

द्रव्य (Matter)

हम अपने आपको प्रतिदिन हजारों वस्तुओं से घिरा पाते हैं, जैसे—–कुर्सी, कागज, जल, पहाड़, पेड़, पौधे, वस्त्र, इमारतें, धुआँ आदि। इन सभी का अनुभव हम ज्ञानेन्द्रियों द्वारा कर सकते हैं। कुछ को देखकर, कुछ को छूकर, कुछ को चखकर अथवा सूँघकर उन्हें पहिचान सकते हैं। वायु गन्धहीन गैस है, अतः इसको सूँघकर अथवा देखकर नहीं पहचाना जा सकता किन्तु जब तेज हवा या आँधी चलती है और पेड़ की पत्तियाँ आदि हिलती हैं तो हमें उसका अनुभव होता है। इन सभी वस्तुओं की अपनी अलग-अलग विशेषताएँ और अलग-अलग आकार-प्रकार हैं परन्तु दो विशेषताएँ सभी में होती हैं, जैसे-

(i) प्रत्येक वस्तु में भार होता है।

(ii) वस्तु कुछ न कुछ स्थान अवश्य घेरती है।

अतः वे सभी वस्तुएँ, जो स्थान घेरती हैं और जिनमें भार होता है, द्रव्य कहलाती हैं।

इस प्रकार कपड़ा, सोना, चाँदी, लकड़ी, पेट्रोल आदि सब द्रव्य हैं। वायु भी द्रव्य है क्योंकि उसमें भार होता है।

ऊर्जा (Energy)

इसके अतिरिक्त कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं जिनका हम अनुभव तो कर सकते हैं परन्तु उनमें न तो भार होता है और न ही वे स्थान घेरती हैं, जैसे मशीन से होने वाली गड़गड़ाहट की ध्वनि, सूर्य से आने वाला प्रकाश, अंगीठी से निकलती हुई ऊष्मा आदि। ये सब शक्ति या ऊर्जा के रूप कहलाते हैं। अतः सम्पूर्ण संसार दो प्रकार की वस्तुओं से बना है-

(क) द्रव्य और (ख) ऊर्जा। यह ऊर्जा द्रव्यों के परिवर्तन में सहायक होती है।

इस प्रकार द्रव्य, ऊर्जा से किसी न किसी रूप में सम्बन्धित रहता है।

सन् 1905 में आइंस्टीन ने संहति और ऊर्जा के मध्य निम्न सम्बन्ध स्थापित किया-

E = mc2

जहाँ E = ऊर्जा, i = संहति तथा c = प्रकाश का वेग

इस समीकरण के अनुसार संहति को ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। यह नियम सामान्यतः उन पदार्थों पर लागू होता है जिनका वेग, प्रकाश के वेग (3 x 10 की घात 10 सेमी प्रति सेकण्ड) से कम होता है। इस नियम के अनुसार “किसी भी गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा और उसकी संहति एक ही पदार्थ के दो रूप हैं।"

द्रव्य की अवस्थाएँ (States of Matter)

संसार की समस्त वस्तुएँ द्रव्य से बनी हैं परन्तु फिर भी यदि उनको ध्यानपूर्वक देखा जाए तो वे एक-दूसरे से कुछ भिन्न नजर आती हैं, जैसे—कुर्सी, जल और वायु। ये वस्तुएँ देखने में तो द्रव्य हैं परन्तु उनकी अवस्थाएँ भिन्न-भिन्न हैं।

(क) कुर्सी का आयतन और आकार निश्चित होता है। यह आयतन और आकार तब तक नहीं बदला जा सकता जब तक कि कोई बाह्य शक्ति इस पर प्रभाव न डाले। ऐसे द्रव्य ठोस (solid) कहलाते हैं। मेज, लोहा, बर्फ आदि सभी ठोस पदार्थ हैं। अतः ठोस वे पदार्थ हैं जिनका आकार और आयतन निश्चित होता है और जो अपने स्थान पर स्थिर होता है।

(ख) जल को जब एक बर्तन से दूसरे बर्तन में पलटा जाता है तो वह उस बर्तन का आकार ग्रहण कर लेता है, किन्तु उसके आयतन में कोई अन्तर नहीं आता। इस प्रकार यदि इसे गिलास में डाला जाए तो गिलास का आकार ले लेता है। फिर जिस भी बर्तन में इसे लें हैं, उसमें इसका तल सदैव क्षैतिज (horizontal) रहता है। ऐसे द्रव्य द्रव (liquid) कहलाते हैं। 

अतः द्रव वे पदार्थ हैं जिनका आयतन तो निश्चित होता है, परन्तु जिस पात्र में रखे जाते हैं, वे उसी का आकार ग्रहण कर लेते हैं और उनमें इनका तल सदैव क्षैतिज रहता है।

ग्लिसरीन, दूध, शराब सभी द्रव के उदाहरण हैं।

(ग) वायु का कोई निश्चित आकार और आयतन नहीं होता क्योंकि यह जिस पात्र में रखी जाती है उसी का आकार और आयतन ग्रहण कर लेती है। यदि किसी कमरे में लवेन्डर की छोटी शीशी खोलकर रख दी जाये तो उसकी सुगन्ध पूरे कमरे में फैल जाती है। इस प्रकार एक छोटी शीशी



को खुशबू सारे कमरे का आयतन और आकार घेर लेती है। ऐसे द्रव्य गैस (gas) कहलाते हैं। अतः गैस वे पदार्थ हैं जिनका न तो आकार ही निश्चित होता है और न ही आयतन परन्तु जिस पात्र में रखी जाती हैं उसी का आकार और आयतन दोनों ही ग्रहण कर लेती हैं।
अतएव गैस द्रव की वह अवस्था है जिसमें उसका आकार और आयतन दोनों ही निश्चित नहीं होते हैं।

कोल गैस, नाइट्रोजन, क्लोरीन आदि गैसों के उदाहरण हैं।

इस प्रकार द्रव्य की कुल तीन अवस्थाएँ होती हैं-

(क) ठोस (Solid),

(ख) द्रव (Liquid) और

(ग) गैस (Gas) ।






तत्व (Element)

तत्व की आधुनिक परिभाषा बॉयल ने सन् 1922 में दी जिसके अनुसार तत्व वह द्रव्य है जो किसी भी रासायनिक विधि से दो या दो से अधिक असमान गुण वाले द्रव्यों में विभाजित नहीं किया जा सकता है और न ही उनसे बनाया जा सकता है। अतः तत्व प्रकृति का मूल पदार्थ है |

तत्व ठोस, द्रव और गैस तीनों ही अवस्था में पाये जाते हैं। सोना, चाँदी, लोहा, ताँबा, गन्धक आदि ठोस तत्व हैं; पारा, ब्रोमीन आदि द्रव तत्व हैं; तथा ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, क्लोरीन आदि गैसीय तत्व हैं। संसार में अब तक 118 तत्वों की खोज हो चुकी है जिनमें 92 तत्व प्रकृति में पाये जाते हैं और शेष तत्व कृत्रिम रूप से प्राप्त किये गये हैं। प्रकृति में कुछ तत्व तो अन्य पदार्थों की अपेक्षा कहीं अधिक मात्रा में मिलते हैं। संसार में उपस्थित समस्त तत्वों के कुल परिमाण का लगभग आधा भाग ऑक्सीजन का और लगभग चौथाई भाग सिलिकॉन का है।


यौगिक (Compound)

यौगिक वह पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में पारस्परिक रासायनिक संयोग से बनता है।
इसके गुण मूल तत्वों के गुण से एकदम भिन्न होते हैं और यौगिक को इसके सरल अवयवों में किसी भी भौतिक रीति द्वारा अलग नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिये जल एक यौगिक है जो ऑक्सीजन और हाइड्रोजन दो तत्वों के 1:2 के अनुपात में मिलकर बना है। जल के अणु अपने अवयवों हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के गुण से बिल्कुल भिन्न हैं। जल एक द्रव है जबकि इसके अवयव गैसीय हैं। इसी प्रकार यदि लोहे और गन्धक के चूर्ण को गर्म कर दिया जाये तो एक नया यौगिक आयरन सल्फाइड बन जाता है। इसके गुण लोहे और गन्धक के गुण से बिल्कुल नहीं मिलते क्योंकि यह न तो लोहे की भाँति चुम्बक की ओर आकर्षित होता है और न ही पीली गन्धक की भाँति कार्बन डाइसल्फाइड में घुलता है। फिर आयरन सल्फाइड का रंग न तो लोहे की भाँति काला है और न ही गन्धक की भाँति पीला है।

नौसादर, नीला थोथा, फिटकरी, हरा कसीस और धावन सोडा आदि यौगिक के अन्य उदाहरण हैं।
यौगिक की कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :
1. प्रत्येक यौगिक तत्वों के निश्चित अनुपात में संयोग के परिणामस्वरूप बनता है।
2. प्रत्येक यौगिक समांग (homogeneous) होता है।
3. यौगिक बनने में प्रायः प्रकाश, ऊष्मा, विद्युत आदि उत्पन्न होते हैं ।
14. यौगिक के गुण-धर्म अपने मूल तत्वों के गुण-धर्म से सर्वथा भिन्न होते हैं।
5. यौगिक को अपने अवयवों में साधारण भौतिक रीतियों द्वारा पृथक् नहीं किया जा सकता।
6. जब दो तत्व परस्पर संयोग करके यौगिक बनाते हैं तो इन तत्वों के परमाणुओं में रासायनिक बन्ध स्थापित हो जाते हैं, जिससे यौगिक के अणु बन जाते हैं। ये बन्ध इतने स्थायी होते हैं कि सामान्य भौतिक विधियों द्वारा इन बन्धों में शिथिलता नहीं आ पाती और यौगिक के अवयवी तत्वों को पृथक् नहीं किया जा सकता।


मिश्रण (Mixture)

मिश्रण वह पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों तथा यौगिकों को परस्पर किसी भी अनुपात में मिला देने से बनता है।
जैसे चीनी और बालू का मिश्रण, गन्धक व लोहे की रेतन का मिश्रण। गन्धक और लोहे की रेतन का मिश्रण बनने में न तो कोई रासायनिक परिवर्तन होता है और न ही कोई नवीन पदार्थ बनता है। मिश्रण में मूल पदार्थों के सभी गुण विद्यमान रहते हैं। लोहे की रेतन (iron filings) और गन्धक के चूर्ण को किसी भी अनुपात में मिला देने से मिश्रण बनता है। मिश्रण में लोहे का काला रंग और गन्धक का पीला रंग दोनों ही दिखाई पड़ते हैं । अब यदि इस मिश्रण को कार्बन डाइसल्फाइड में डाला जाये तो सम्पूर्ण गन्धक उसमें घुल जाती है और यदि इस मिश्रण में चुम्बक लाया जाये तो लोहे की समस्त रेतन इससे चिपक कर पृथक् हो जाती है। अतः मिश्रण के अवयवों को साधारण भौतिक रीतियों द्वारा पृथक् किया जा सकता है।
(1) मिश्रण समांग (homogeneous) और विषमांग (heterogeneous) दोनों ही प्रकार के होते हैं। ठोस का द्रव में विलयन समांग होता है परन्तु ठोस पदार्थों का परस्पर मिश्रण विषमांग होता है।
(2) मिश्रण में तत्वों का अनुपात निश्चित नहीं होता।
(3) साधारणतया मिश्रण के बनने में कोई ऊष्मा, प्रकाश अथवा विद्युत उत्पन्न नहीं होती।
(4) मिश्रण में मूल पदार्थों के सभी गुण विद्यमान होते हैं।
(5) मिश्रण के मूल पदार्थों को साधारण भौतिक रीतियों द्वारा पृथक् किया जा सकता है।

मिश्रण केवल ठोस के परस्पर मिलाने से ही नहीं बनते अपितु ठोस, द्रव और गैस कहीं भी भिन्न अवस्था वाले तत्वों के परस्पर मिलाने से भी बनते हैं। उसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-
(क) ठोस और ठोस का मिश्रण-रेत तथा शर्करा का मिश्रण, पीतल, बारूद आदि ।
(ख) ठोस और द्रव का मिश्रण-समुद्री जल (नमक और जल), दूध व फलों का रस । (ग) ठोस और गैस का मिश्रण-धुआँ (कार्बन के कण व वायु)।
(घ) द्रव और द्रव का मिश्रण-दूध, सिरका (ऐसीटिक अम्ल व जल)।
(ङ) द्रव और गैस का मिश्रण-सोडा वाटर (जल व कार्बन डाइऑक्साइड) ।
(च) गैस और गैस का मिश्रण-वायु, कोल गैस ।
(छ) ठोस, द्रव और गैस का मिश्रण-लेमोनेड (चीनी, जल व कार्बन डाइऑक्साइड), पेप्सी-कोला !









                                       अभ्यास (EXERCISES)


>> बहुविकल्पीय प्रश्न

1. संहति और ऊर्जा में सम्बन्ध है—     (उ० प्र० कृषि 2012, 2009)

(a) E2 = mc
(b) E=mc2
(c) E =2mc
(d) E=m2c


उत्तर— (b)  E=mc2


2. निम्नलिखित में से कौन मिश्रण है?        (उ० प्र० कृषि 2003)

(a) नीला थोथा 
(b) कार्बन डाइऑक्साइड 
(c) नौसादर
(d) समुद्री जल


उत्तर—  (d)  समुद्री जल


3. निम्नलिखित में से कौन मिश्रण है?      (उ० प्र० कृषि 2005)

(a) साधारण फिटकरी
(b) अमोनियम क्लोराइड 
(c) शहद
(d) धावन सोडा 


उत्तर—  (c)  शहद


4. उर्ध्वपातन का उदाहरण है-              (उ० प्र० कृषि 2008)

 (a) बल्ब का जलना
 (b) लोहे का चुम्बक बनना
 (c) दूध से दही बनना
(d) नौसादर को गर्म करना


उत्तर— (d) नौसादर को गर्म करना


5. उर्ध्वपातन का उदाहरण है-              (उ० प्र० कृषि 2010)

(a) कपूर का उड़ना
(b) जल का वाष्पित होना
(c) लोहे से चुम्बक का बनना
(d) दूध से दही बनना


उत्तर— (a) कपूर का उड़ना


6. निम्नलिखित में कौन सा मिश्रण है?       (उ० प्र० कृषि 2011)

 (a) नीला थोथा
(b) यूरिया
(c) वायु
(d) कार्बन डाइऑक्साइड

उत्तर— (c) वायु


7. निम्नलिखित में कौन-सा मिश्रण है?      (उ० प्र० कृषि 2015)

(a) यूरिया
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) पेप्सी
(d) नीला थोथा

उत्तर— (c) पेप्सी


>> निश्चित उत्तरीय प्रश्न

8. निम्न में से कौन तत्व, यौगिक और मिश्रण है?         (उ० प्र० कृषि 2002)
वायु, साधारण नमक तथा कार्बन



उत्तर-तत्व : कार्बन, यौगिक : साधारण नमक, मिश्रण : वायु।




9. पारा, जल तथा बारूद में से कौन-से से तत्व यौगिक तथा मिश्रण हैं?    (उ० प्र० कृषि 2001)



उत्तर-तत्व : पारा, यौगिक : जल, मिश्रण : बारूद। 


>> अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

10. उर्ध्वपतित होने वाले किन्हीं तीन पदार्थों के नाम लिखिए ।


उत्तर-नौसादर, कपूर तथा आयोडीन । (उ० प्र० कृषि 2000)


11. आपको काँच चूर्ण, नौसादर और नीले थोथे का मिश्रण दिया गया है। मिश्रण के अवयवों को किस प्रकार प्रथक् करेंगे?

 उत्तर—पहले नौसादर को ऊर्ध्वपातन द्वारा, फिर नीले थोथे को जल में घोलकर काँच चूर्ण से पृथक् करेंगे ।





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